₹150 से ₹800 पर पहुंचा शेयर- फिर टूटा, अब कंपनी देगी बोनस शेयर

लॉजिस्टिक्स सेक्टर की प्रमुख कंपनी VRL Logistics जल्द ही निवेशकों को बोनस शेयर देने पर विचार कर रही है। कंपनी का बोर्ड 4 जुलाई 2025 को इस प्रस्ताव पर बैठक करेगा। VRL Logistics पूरे भारत में ट्रकों और कंटेनर वाहनों के जरिए फैक्ट्रियों, गोदामों और व्यापारियों का सामान पहुंचाती है, जो इसका मुख्य व्यवसाय है। […]

लॉजिस्टिक्स सेक्टर की प्रमुख कंपनी VRL Logistics जल्द ही निवेशकों को बोनस शेयर देने पर विचार कर रही है। कंपनी का बोर्ड 4 जुलाई 2025 को इस प्रस्ताव पर बैठक करेगा।

VRL Logistics पूरे भारत में ट्रकों और कंटेनर वाहनों के जरिए फैक्ट्रियों, गोदामों और व्यापारियों का सामान पहुंचाती है, जो इसका मुख्य व्यवसाय है। यह कंपनी छोटे पैकेट्स, मशीन पार्ट्स, FMCG और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे पार्सल की डोर-टू-डोर डिलीवरी भी करती है, खासतौर से B2B सेक्टर में। इसके अलावा, VRL दक्षिण और पश्चिम भारत में AC और Non-AC बसों से इंटरसिटी बस सेवा भी चलाती है, जो लोगों में काफी लोकप्रिय है। कंपनी के पास अपने वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स हब भी हैं, जहां ग्राहक सामान स्टोर करवा सकते हैं। इसके अलावा यह कार और टू-व्हीलर कंपनियों के लिए डिलीवरी और डिस्ट्रीब्यूशन का काम भी संभालती है।

शेयर मार्केट में VRL Logistics के शेयर ने पिछले एक हफ्ते में लगभग 3%, तीन महीने में 20% और एक साल में करीब 2% रिटर्न दिया है। 27 जून 2025 को कंपनी के शेयर 572 रुपये पर बंद हुए।

बोनस शेयर का मतलब होता है कि कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को मुफ्त में अतिरिक्त शेयर देती है, जो उनके वर्तमान शेयर होल्डिंग के अनुपात में तय होते हैं। ऐसा करने से कंपनी का इक्विटी कैपिटल बढ़ जाता है, लेकिन शेयर की फेस वैल्यू में कोई बदलाव नहीं होता। इस वजह से निवेशकों को भविष्य में ज़्यादा डिविडेंड मिलने का फायदा होता है।

VRL Logistics का बोर्ड 4 जुलाई को बैठक करेगा, जिसमें बोनस शेयर जारी करने को लेकर प्रस्ताव पर चर्चा होगी। बोनस शेयर के लिए कंपनी अपने बचे हुए मुनाफे और रिजर्व को कैपिटलाइज करेगी। हालांकि अंतिम फैसले के लिए शेयरधारकों की मंजूरी जरूरी होगी।

SEBI के नियमों के तहत कंपनी ने 27 जून से अपनी इंसाइडर ट्रेडिंग विंडो बंद कर दी है। यह विंडो तब तक बंद रहेगी जब तक कंपनी जून 2025 की तिमाही की वित्तीय रिपोर्ट जारी नहीं कर देती और उसके 48 घंटे बाद तक।

बोनस शेयर कंपनियों के मुनाफे और भरोसे को दिखाने का एक तरीका होता है, जिससे कंपनी की लिक्विडिटी बढ़ती है और निवेशकों को लंबी अवधि में फायदा हो सकता है। हालांकि बोनस शेयर मिलने के बाद आमतौर पर शेयर की कीमत उसी अनुपात में घट जाती है, इसलिए कुल वैल्यू तो नहीं बढ़ती, पर शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। यह निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जाता है।

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