भारतीय शेयर बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने जून महीने में जबरदस्त निवेश किया है। महीने भर में इनके नेट इनफ्लो लगभग ₹69,176 करोड़ तक पहुंच गया जो इस साल का दूसरा सबसे बड़ा मासिक निवेश है।
हालांकि शुक्रवार को DIIs ने थोड़ा बिकवाली दिखाई और ₹589 करोड़ निकाल लिए, लेकिन इससे पहले पूरे महीने उन्होंने लगातार बड़े पैमाने पर शेयर खरीदे। दूसरी ओर, विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) शुक्रवार को नेट खरीददार बने, उन्होंने ₹1,397 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया। इस तरह इस महीने अब तक FIIs का कुल निवेश ₹8,320 करोड़ के करीब है, जो वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
Geojit Investments के रिसर्च हेड विनोद नैयर के मुताबिक, “मध्य पूर्व में संघर्ष विराम और जल्द खत्म होने वाले व्यापार तनाव की उम्मीदों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। लगातार बिकवाली के बाद FIIs ने वापसी की है, जिससे मार्केट में स्थिरता देखने को मिल रही है। साथ ही, किफायती कच्चा तेल और मजबूत रुपये ने घरेलू ग्रोथ पर फोकस को मजबूत किया है। उपभोक्ता खर्च और मैक्रोइकॉनोमिक स्थिरता से आमदनी में तेजी की उम्मीदें भी बाजार की सकारात्मकता को बढ़ा रही हैं।”
बाजार की बात करें तो प्रमुख इंडेक्स लगातार दूसरी हफ्ते भी बढ़त दर्ज करने में कामयाब रहे। निफ्टी 50 हफ्ते खत्म होने पर 25,638 के स्तर पर पहुंच गया, जो 2.1% ऊपर है, जबकि सेंसेक्स 84,059 के पार बंद हुआ। बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन भी शानदार रहा, निफ्टी बैंक ने 57,400 के ऐतिहासिक स्तर को पार कर लिया। ICICI बैंक, इंडसइंड बैंक और SBI ने इंडेक्स की बढ़त में सबसे बड़ा योगदान दिया। छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों में भी जबरदस्त खरीदारी देखी गई, निफ्टी स्मॉलकैप 4% से ज्यादा और मिडकैप इंडेक्स 59,400 के करीब बंद हुआ।
कुल मिलाकर, घरेलू और विदेशी दोनों तरह के निवेशकों की खरीदारी से बाजार में स्थिरता और बढ़त देखने को मिल रही है, जो आगे भी भारतीय इक्विटी मार्केट के लिए सकारात्मक संकेत हैं।